प्रधानमंत्री जी को अपने वक्तव्य पर अडिग रहना चाहिए और उसे सख्ती से लागू करके प्रकृति के संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिए।
बड़ी-बड़ी कंपनियों की सहूलियत और उनके बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री जी को अपने निर्णयों को स्थगित नहीं करना चाहिए अपितु उन पर स्थिर रहकर प्रकृति के संरक्षण के लिए उन्हें सख्ती से लागू करवाना चहिये जो पूरे विश्व के लिए एक मिसाल बने।
केवल 200मिली लीटर की बोतल पर ही प्रतिबंध क्यों?
इस प्रकार के समझौते करने से कोई खास फरक नहीं पड़ेगा।