एक और तो आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती को सवस्थ और हरा भरा बनाने के वादे किए जाते हैं
और लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता हैं
वहीं दूसरी ओर प्रधान मंत्री जी के स्वागत में सवस्थ – विकसित पेड़ों की कटाई की जाती हैं
सौजन्य : The logical India
एक और तो आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती को सवस्थ और हरा भरा बनाने के वादे किए जाते हैं
और लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता हैं
वहीं दूसरी ओर प्रधान मंत्री जी के स्वागत में सवस्थ – विकसित पेड़ों की कटाई की जाती हैं
17 अक्टूबर को होने वाली मोदी की रैली के लिए पुणे शहर के सर परशुराम कॉलेज परिसर में कुछ पेड़ों को काटा गया है. मोदी की रैली कॉलेज के मैदान में होनी है. जावड़ेकर ने यहां संवाददाताओं से कहा,
‘हर बार जब हम पेड़ काटते हैं, तो हम पहले से ज्यादा पौधे लगाते हैं. यह वन विभाग का नियम है.’
उन्होंने कहा, ‘और मोदी की रैली के लिए पेड़ों को काटे जाने पर इतना बवाल क्यों? पूर्व में भी प्रधानमंत्रियों और अन्य नेताओं की रैलियों के लिए पेड़ काटे जा चुके हैं. मुझे हैरत है कि पहले इस प्रकार की कोई जागरुकता क्यों नहीं थी.
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